मध्यवर्ग की इस मानसिक बोध का सबसे प्रमाणिक प्रस्तुति हमें आधुनिक हिंदी कवि गजानन माधव मुक्तिबोध के यहाँ मिलाती है।
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फ्रांसीसी विचारक हेनरी वर्ग् साँ (1859-1941) ने वस्तुओं के मानसिक बोध की अपेक्षा आंतरिक अनुभव (इंट्वीशन) को अधिक मूल्य दिया।
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फ्रांसीसी विचारक हेनरी वर्ग् साँ (1859-1941) ने वस्तुओं के मानसिक बोध की अपेक्षा आंतरिक अनुभव (इंट्वीशन) को अधिक मूल्य दिया।
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आवश्यकता हैं इतिहास को दोबारा से लिखने की जिससे पराजय का मानसिक बोध सदा सदा के लिए हमारे मस्तिष्क से मिट जाये।
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यह एक प्रकार का अमूर्त प्रत्यय है जो केवल मानसिक बोध के रूप में ही रहता है और उसकी कोई वस्तुनिष्ठ यथार्थता नहीं होती।
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यह एक प्रकार का अमूर्त प्रत्यय है जो केवल मानसिक बोध के रूप में ही रहता है और उसकी कोई वस्तुनिष्ठ यथार्थता नहीं होती।
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फ्रांसीसी विचारक हेनरी वर्ग् साँ (1859-1941) ने वस्तुओं के मानसिक बोध की अपेक्षा आंतरिक अनुभव (इंट्वीशन) को अधिक मूल्य दिया।
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जनसत्ता में ब्लॉग पोस्ट आने के बाद साथियों ने विशेषकर उन सबने जो भाषा या साहित्य से बहुत पक्के धागे से नहीं जुड़े हैं उनका कहना है कि मेरी भाषा विशिष्ठ शब्दावली लिए होती हैं जो सहज मानसिक बोध संपन्न व्यक्ति की समझ से परे जाती हैं.